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उत्तराखंड की तबाही – खिज़ां के साये में गुलशन है क्या किया जाये?

SHAHENSHAH KI QALAM SE! शहंशाह की क़लम से!
SHAHENSHAH KI QALAM SE! शहंशाह की क़लम से!
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उत्तराखंड की तबाही दिल ♥ दहला रही है। जो विपदा आई है, उसकी ख़बर और आशंका तीन साल पहले ही कैग ने दे दी थी। कैग ने साफ चेताया था कि पावर प्रोजेक्ट और दूसरे बांध बनाने के नाम पर जिस तरह से पहाड़ी इलाके का दोहन हो रहा है, वह एक बड़े विनाश का कारण बनेगा। जल्दी संभल जाओ, नहीं तो प्रलय आएगी। नहीं संभले और न ही माने, आखिर में नतीजा सबके सामने है।

इसके लिए किसको कोसें, खुद को, सरकार को या फिर सर्वशक्तिमान को ?

लग रहा है सब कुछ छोड़ जरूरतमंदो की मदद् के लिए वहां पहुंच जाए लेकिन संसाधनोँ की वजह से हमसे ये मुमकिन नहीँ हो रहा है….

उत्तराखंड की तबाही से प्रभावित सभी प्यारे धर्मभीरू हमवतनों के साथ अपनी दिली हमदर्दी रखते हुए, अल्लाह ताअला से उनकी सलामती और मरहूमों की रूह की शांति के लिए दिल की गहराईयों से दुआ कर रहा हूं ।

अपने जज़्बात के इज़हार के लिए अपने भाई जनाब हसन फतेहपुरी साहब से लफ्ज़ उधार ले रहा हूं, क्योंकि मेरे पास अपने ग़म और बेबसी के साथ सभी प्यारे धर्मभीरू हमवतनों की बेबसी को बयां करने के लिए लफ्ज़ कम पड़ गये हैं । हसन भाई माफ किजिएगा ।

खिज़ां के साये में गुलशन है क्या किया जाये? दिलो-दिमाग में उलझन है क्या किया जाये?

वहीं पे बर्क़ (बिजली) को अठखेलियों की सूझी है,
जहां पे मेरा नशेमन (घ्रर) है क्या किया जाये?

कभी मैं जान से ज़्यादा अज़ीज़ था जिसको, वो आज जान का दुश्मन है क्या किया जाये?

वो जिसको शौक़ है हर नक़्श मिटाने का,
उसी के कूचे में मदफन है क्या किया जाये?

मुश्किल में फंसे और अपने दोस्त और रिश्तेदार खो चुके गमज़दा लोगों की तरफ से सरकारी मदद और मुआवज़े पर यह शेर:

करीम तेरी नवाज़िश का शुक्रिया लेकिन, फटा हुआ मेरा दामन है क्या किया जाये?

हिम्मत रखो प्यारे धर्मभीरू हमवतनों, पूरी आलमे इंसानियत की दुआऐं तुम्हारे साथ हैं । कहते हैं कि दिल से निकली दुआओं में ज़बरदस्त असर होता है और अल्लाह उन्हें ज़रूर पूरी करता है । इंशाअल्लाह, तुम्हारी भी मुश्किलें जल्द आसान होंगी ।

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