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राष्ट्रीय एकता के नाम पर ढ़ोंग और पाखंड? दिनांक: 24.01.2014.

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राष्ट्रीय एकता के नाम पर ढ़ोंग और पाखंड?

राष्ट्रीय एकता के नाम पर ढ़ोंग और पाखंड?

राष्ट्रीय एकता के नाम पर ढ़ोंग और पाखंड? दिनांक: 24.01.2014.

राष्ट्रीय एकता के नाम पर आदरणीय सरदार बल्लभ भाई पटेल जैसे महान व्यक्तित्व की आदमक़द मूर्ति बनाने के लिये देश भर से लोहा एकत्र करने का पाखण्ड करने वालों से यह नहीं पूछा जाना चाहिऐ कि:

1) भगवान राम के नाम पर देश भर से एकत्र ईंटें कहां गईं?
2) राम मन्दिर के निर्माण के नाम पर देश और प्रदेशों में सत्ता हासिल करने के बाद भी राम मन्दिर निर्माण क्यों नहीं हुआ?
3) क्या गारण्टी है कि एकत्र लोहा भी वहीं नहीं चला जायेगा, जहां एकत्र ईंटें चली गईं?
4) क्या देश की जनता की भावनाओं के साथ पुन; खिलवाड़ कर वोट हासिल करने की यह एक चाल नहीं?
5) क्या गारण्टी है कि जो लोग धर्म का चोला ओढ़कर सत्ता हासिल कर चुके हैं और उसके पश्चात भगवान राम, समाज, देश और देश की जनता से विश्वासघात किया है। अब पुन: सत्ता हासिल करने के लिये भगवान राम को उपेक्षित कर, विकास का बुर्क़ा पहन रहे हैं। सेवक और चौकीदार बनने का ढ़ोंग कर रहे हैं। वे पुन: देश और देश की जनता से विश्वासघात नहीं करेंगे?
6) क्या यह प्रमाणित झूठे और धोखेबाज़ नहीं?

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