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देशहित में सोचें, समझें और करें विचार।

SHAHENSHAH KI QALAM SE! शहंशाह की क़लम से!
SHAHENSHAH KI QALAM SE! शहंशाह की क़लम से!
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देशहित में सोचें, समझें और करें विचार। दिनांक: 29.03.2014.शनिवार

ढाई दशक से ज़्यादा समय गुजर जाने के बाद भी मेरे जैसा आम हिन्दुस्तानी यह नहीं समझ सका कि पाकिस्तान और उसके समर्थित आतंकवादी संगठन हमेशा ऐसे कार्य क्यों करते हैं ? जिससे हिन्दुस्तान के आम मुसलमानों की मुश्किलें बढें। देश में उन्हें शक की निगाह से देखा जाये। उनका जीवन कठिन हो जाये। कुछ क़ुसूरवार और ज़्यादा बेक़ुसूर लोग और खासकर पढे लिखे नौ जवान पकडे जायें और अत्याचार के साथ ज़िल्लत की ज़िन्दगी जीने को मजबूर हों।
जिससे केवल हिन्दुस्तान के कट्टरवादी हिन्दु संगठन मजबूत हों और भा ज पा को राजनैतिक लाभ पहुंचे?
हाल का ही उदाहरण बिजनौर के 32 वर्षीय नासिर हुसैन का है, जिन्हें जून 2007 में स्पेशल टास्क फोर्स ने हूजी का मास्टर माइण्ड खतरनाक आतंकवादी बताकर लखनऊ के एक होटल से नासिर उर्फ मासूम उर्फ छोटू के नाम से गिरफ्तार दिखाया था।
हज़ारों सलाम, मुनी की रेती-टाउन, ज़िला टेहरी गढवाल उत्तराखंड के एक आश्रम के महाराज स्वामी शिवानन्द जी को, जिन्होने अदालत को बताया कि 19 जून 2007 को सुबह 5 से 7 बजे के बीच सादा लिबास में आकर कुछ लोग उनके आश्रम में निर्माण कार्य में लगे नासिर हुसैन को ज़बरदस्ती उठाकर ले गये थे।
स्थानीय पुलिस ने इस घटना की रिपोर्ट भी लिखने से मना कर दिया था। महाराज जी के जून 2013 में दिये गये बयान के आधार पर ही अदालत ने अभी हाल में नासिर हुसैन को बाइज़्ज़त बरी किया है।
अजीब विडम्बना है जब लोग गिरफ्तार किये जाते हैं तो प्रमुखता से समाचार प्रकाशित और प्रसारित किये जाते हैं। उन्हें अपराधी और देशद्रोही मान लिया जाता है।
परंतु जब बाइज़्ज़्त रिहा होते हैं तो समाचार को कोई प्रमुखता नहीं मिलती।
खुशक़िस्मत हैं नासिर हुसैन कि श्रृध्देय स्वामी शिवानन्द जी की भलमानसता, न्यायप्रियता, निष्पक्षता और निडरता के कारण लगभग सात साल बाद ही सही, बाइज़्ज़त बरी तो हुये।
ज़रा उन बदक़िस्मत बेक़ुसूर नौजवानों के बारे में सोचिये, सालों गुज़र जाने के बाद भी जिनका कोई पुरसाने हाल नहीं। यह सब हो रहा है हिन्दुस्तान के मुसलमानों के तथाकथित हमदर्द पाकिस्तान और उसके द्वारा पोषित और समर्थित आतंकवादी संगठनों की करतूतों की वजह से।
एक अन्य उदाहरण ईमानदार, निष्पक्ष और बहादुर देशभक्त पुलिस अधिकारी शहीद हेमंत करकरे और उनके साथियों का है। जिन्होनें दो दिन बाद मालेगांव, हैदराबाद, अजमेर और समझौता एक्सप्रेस आदि की दु:खद घटनाओं की साज़िश का पर्दाफाश करने और मास्टर माइंडों के चेहरे से नक़ाब उतारने की घोषणा की थी। हमारी हार्दिक श्रृध्दान्जली ऐसे ईमानदार, निष्पक्ष और बहादुर देशभक्त पुलिस कर्मियों को।
एक जघन्य मुम्बईकाण्ड प्रायोजित कर दो दिन पहले ही उन सब जांबाज़ पुलिस वालों को शहीद कर दिया गया जो पूरे प्रमाण के साथ आतंकवाद के एक नये चेहरे से देश को परिचित कराने वाले थे।
पाक की इस प्रकार की नापाक हरकतों का सीधा लाभ मिलता है केवल हिन्दुस्तान के हिन्दु कट्टरवादी संगठनों को, जो प्रतिक्रिया के नाम पर और मजबूत होते है और भा ज पा को, जिसके वोटों की खेती खूब लहलहाती है और उसे खूब राजनैतिक लाभ मिलता है। देश में साम्प्रादायिक सौहार्द, आपसी विश्वास और धर्मनिरपेक्षता का आधार कमज़ोर होता है।
निष्पक्ष, न्यायप्रिय और देशभक्त देशवासियों को देशहित में गम्भीरता से सोचना होगा कि क्या कोई दुश्मन अपने दुश्मन को लाभ भी पहुंचाता है?
शुभेच्छु
सैयद शहनशाह हैदर आब्दी
वरिष्ठ समाजवादी चिंतक
प्रतिष्ठा में, निवास: “काशाना-ए-हैदर”
श्रीमान सम्पादक महोदय, 291-लक्ष्मण गंज –झांसी (उ0प्र0) देशहित और जनहित में प्रकाशनार्थ पिन-284002. सादर प्रेषित। मो.न.+91-9415943454.

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